nikhil kumar varma Posted July 19, 2008 Report Share Posted July 19, 2008 It is said that Offering of Puja and homa to Devi Bagala Mukhi acts like a weapon to stop your enemy from doing a harm against you. It is also believed that by offering Puja and Homa to Ma Bagalamukhi somebody can get a relief from legal problems; he/she can get rid of being the victim of an adverse incidents; can avoid the possibility of accidents, blood shed and even an anticipated unnatural Death. It is believed that to win over ENEMIES, Baglamukhi can act as a perfect weapon ... ... SHE DESTROYS YOUR ALL SORTS OF ENEMIES. Devi Bagalamukhi paralyze enemy's speech, She can destroy an enemy's intellect, destroys enemy’s mal-intention for doing wrong things and doing of Harm against someone. She has the power to Remove of the effect of Black Magic. Offering of Puja and Homa to Devi BagalaMukhi may treat your enemies well by destroying their sense of Mischief against you and making them friendlier to you and saving you from the effect of Black Magic and Evils eye. To get the victory in a legal issues, offering of <?XML:NAMESPACE PREFIX = O /><O:P></O:P>Puja and Homa to Ma Bagala Mukhi may play a really very Vital Role. It is claimed that Devi Bagalamukhi has the Spiritual power to paralyze an enemy's speech, enemy’s mal-intention, Black Magic and his intention to create aspersion against someone. Devi Baglamukhi is great to call when there lies and gossip floating around. She can destroy an enemy's intellect. Also it is claimed that worshipping of Ma Bagalamukhi, turns hostile people friendlier to you and stops doing harm against you. Devi Bagla Mukhi has the power of turning things into its opposite. She can turn silence into speech, ignorance into knowledge, defeat into a victory, ugliness into beauty, poverty into wealth, Selfishness to friendlyness. She also unfold the reality behind the appearance and save us from being deceived by something and by someone.<O:P> </O:P> Out of all the 10 Mahavidyas, Ma Bagala Mukhi is associated with a huge amount of occult powers. She is prayed for occult powers as well. She is also sometimes called the Brahmastra ( this is the weapon of Brahma that he uses during warfare). MANTRA - "OM HREEN BAGLAMUKHI NAMAH" Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
umbaba Posted July 22, 2008 Report Share Posted July 22, 2008 dear sir, can one chant the mantra at home. what about keeping her picture at home and worshipping. same in respect of chinna masta. kindly clarify. pranam umbaba Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
kavya Posted July 22, 2008 Report Share Posted July 22, 2008 where can i get a picture of bagalamukhi? Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
umbaba Posted July 22, 2008 Report Share Posted July 22, 2008 dear madam pl go to mantra tantra vijana forum inthis site and look for MATA bhagalamukhi photos. u will get the photos. pranam umbaba Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
arasel Posted August 20, 2008 Report Share Posted August 20, 2008 MANTRA - "OM HREEN BAGLAMUKHI NAMAH" I am quite concerned about your ignorance, even if you're born in India. Take a look to Mantra Mahodadhi text and see the Hrii.m biija is not the Biija Mantra of Bagalamukhi, despite both hrii.m and hlii.m are often used. I found this mistake in other sections of this forum. You can read devanagari so it is not a problem to read original traditional texts.So take as an advice and don't tell people lies: Bagalamukhi biija mantra is hl.r.ii.m (or HLRIIM), yes to semivocals l. and r. and long I folllowed by bindu or anusvara (m). The Mantra Mahodadhi it is not the only text regarding Bagalamukhi biija mantra. See bellow an excerpt: "Atha pravakshyesatruunaam bhinii bagalamukhii pranavogaganam prithvii saamtibimduyutambaga laamusaakshogadiisarvadushtaanaamvaahaliimduyuk muhkampadamstambhayamtejnihvaamkii layavatnakaah buddhimvinashayaamtetubiijamtaarognisundagii shattrimsadaksharemantro naaradomunirrasyatu bagalamukhasvaruupam gadiikhah saakshad (t)yutahkhi sarvadushaanaamvaastraruupam induyukhakachim mukhampadamityaa disvaruupam biijam Hlriim taara aum agnisundariisvaahaa Aum hriim bagalamukhi sarvadushtaanaam vaacchammukhampadamstambhaya jihvaamkiilaya buddhimvinaashaaya Hlriim aum svaahetishattrishardnah asya shrii bagalamukhii mantrasyanaaradatrapih buuhatachitdah bagalamukhedevataamamaakhilaavaapteyajapeviniyogah" Note that others read Aum hlriim . Also you can check the Mantra Mahodadhi in my blog, the signature is bellow Hope this will answer others question for Bagalamukhi mantra through this forum. Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
ab12 Posted September 24, 2008 Report Share Posted September 24, 2008 सर्वशक्ति सम्पन्न बगलामुखी साधना यह विद्या शत्रु का नाश करने में अद्भुत है, वहीं कोर्ट, कचहरी में, वाद-विवाद में भी विजय दिलाने में सक्षम है। इसकी साधना करने वाला साधक सर्वशक्ति सम्पन्न हो जाता है। उसके मुख का तेज इतना हो जाता है कि उससे आँखें मिलाने में भी व्यक्ति घबराता है। आँखों में तेज बढ़ेगा, आपकी ओर कोई निगाह नहीं मिला पाएगा एवं आपके सभी उचित कार्य सहज होते जाएँगे। सामनेवाले विरोधियों को शांत करने में इस विद्या का अनेक राजनेता अपने ढंग से इस्तेमाल करते हैं। यदि इस विद्या का सदुपयोग किया जाए तो हित होगा। गुरु दिक्षा लेकर मंत्र का सही विधि द्वारा जाप किया जाए तो वह मंत्र निश्चित रूप से सफलता दिलाने में सक्षम होता है। हम यहाँ पर सर्वशक्ति सम्पन्न बनाने वाली सभी शत्रुओं का शमन करने वाली, कोर्ट में विजय दिलाने वाली, अपने विरोधियों का मुँह बंद करने वाली भगवती बगलामुखी की आराधना साधना दे रहे हैं। आप प्रयोग कर लाभ उठाने में समर्थ होंगे, ऐसी हमारी आशा है। इस साधना में विशेष सावधानियाँ रखने की आवश्यकता होती है । इस साधना को करने वाला साधक पूर्ण रूप से शुद्ध होकर (तन, मन, वचन) रात्री काल में पीले वस्त्र पहनकर व पीला आसन बिछाकर, पीले पुष्पों का प्रयोग कर, पीली (हल्दी या हकीक ) की 108 दानों की माला द्वारा मंत्रों का सही उच्चारण करते हुए कम से कम 11 माला का नित्य जाप 21 दिनों तक या कार्यसिद्ध होने तक करे या फिर नित्य 108 बार मंत्र जाप करने से भी आपको अभीष्ट सिद्ध की प्राप्ति होगी।खाने में पीला खाना व सोने के बिछौने को भी पीला रखना साधना काल में आवश्यक होता है वहीं नियम-संयम रखकर ब्रह्मचारीय होना भी आवश्यक है। संक्षिप्त साधना विधि, छत्तीस अक्षर के मंत्र का विनियोग ऋयादिन्यास, करन्यास, हृदयाविन्यास व मंत्र इस प्रकार है-- विनियोग ऊँ अस्य श्री बगलामुखी मंत्रस्य नारद ऋषि: त्रिष्टुपछंद: श्री बगलामुखी देवता ह्मीं बीजंस्वाहा शक्ति: प्रणव: कीलकं ममाभीष्ट सिद्धयार्थे जपे विनियोग:। ऋष्यादि न्यास-नारद ऋषये नम: शिरसि, त्रिष्टुय छंद से नम: मुखे, बगलामुख्यै नम:, ह्मदि, ह्मीं बीजाय नम: गुहेय, स्वाहा शक्तये नम:, पादयो, प्रणव: कीलक्षम नम: सर्वांगे। हृदयादि न्यास ऊँ ह्मीं हृदयाय नम: बगलामुखी शिरसे स्वाहा, सर्वदुष्टानां शिरवायै वषट्, वाचं मुखं वदं स्तम्भ्य कवचाय हु, जिह्वां भीलय नेत्रत्रयास वैषट् बुद्धिं विनाशय ह्मीं ऊँ स्वाहा अष्टाय फट्। ध्यान मध्ये सुधाब्धि मणि मंडप रत्नवेघां सिंहासनो परिगतां परिपीत वर्णाम्। पीताम्बरा भरणमाल्य विभूषितांगी देवीं भजामि घृत मुदग्र वैरिजिह्माम ।। मंत्र इस प्रकार है-- ऊँ ह्लीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ऊँ फट स्वाहा। मंत्र जाप लक्ष्य बनाकर किया जाए तो उसका दशांश होम करना चाहिए। जिसमें चने की दाल, तिल एवं शुद्ध घी का प्रयोग करें एवं समिधा में आम की सूखी लकड़ी या पीपल की लकड़ी का भी प्रयोग कर सकते हैं। मंत्र जाप पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख कर करना चाहिए। Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
ab12 Posted September 24, 2008 Report Share Posted September 24, 2008 सर्वशक्ति सम्पन्न बगलामुखी साधना यह विद्या शत्रु का नाश करने में अद्भुत है, वहीं कोर्ट, कचहरी में, वाद-विवाद में भी विजय दिलाने में सक्षम है। इसकी साधना करने वाला साधक सर्वशक्ति सम्पन्न हो जाता है। उसके मुख का तेज इतना हो जाता है कि उससे आँखें मिलाने में भी व्यक्ति घबराता है। आँखों में तेज बढ़ेगा, आपकी ओर कोई निगाह नहीं मिला पाएगा एवं आपके सभी उचित कार्य सहज होते जाएँगे। सामनेवाले विरोधियों को शांत करने में इस विद्या का अनेक राजनेता अपने ढंग से इस्तेमाल करते हैं। यदि इस विद्या का सदुपयोग किया जाए तो हित होगा। गुरु दिक्षा लेकर मंत्र का सही विधि द्वारा जाप किया जाए तो वह मंत्र निश्चित रूप से सफलता दिलाने में सक्षम होता है। हम यहाँ पर सर्वशक्ति सम्पन्न बनाने वाली सभी शत्रुओं का शमन करने वाली, कोर्ट में विजय दिलाने वाली, अपने विरोधियों का मुँह बंद करने वाली भगवती बगलामुखी की आराधना साधना दे रहे हैं। आप प्रयोग कर लाभ उठाने में समर्थ होंगे, ऐसी हमारी आशा है। इस साधना में विशेष सावधानियाँ रखने की आवश्यकता होती है । इस साधना को करने वाला साधक पूर्ण रूप से शुद्ध होकर (तन, मन, वचन) रात्री काल में पीले वस्त्र पहनकर व पीला आसन बिछाकर, पीले पुष्पों का प्रयोग कर, पीली (हल्दी या हकीक ) की 108 दानों की माला द्वारा मंत्रों का सही उच्चारण करते हुए कम से कम 11 माला का नित्य जाप 21 दिनों तक या कार्यसिद्ध होने तक करे या फिर नित्य 108 बार मंत्र जाप करने से भी आपको अभीष्ट सिद्ध की प्राप्ति होगी।खाने में पीला खाना व सोने के बिछौने को भी पीला रखना साधना काल में आवश्यक होता है वहीं नियम-संयम रखकर ब्रह्मचारीय होना भी आवश्यक है। संक्षिप्त साधना विधि, छत्तीस अक्षर के मंत्र का विनियोग ऋयादिन्यास, करन्यास, हृदयाविन्यास व मंत्र इस प्रकार है-- विनियोग ऊँ अस्य श्री बगलामुखी मंत्रस्य नारद ऋषि: त्रिष्टुपछंद: श्री बगलामुखी देवता ह्मीं बीजंस्वाहा शक्ति: प्रणव: कीलकं ममाभीष्ट सिद्धयार्थे जपे विनियोग:। ऋष्यादि न्यास-नारद ऋषये नम: शिरसि, त्रिष्टुय छंद से नम: मुखे, बगलामुख्यै नम:, ह्मदि, ह्मीं बीजाय नम: गुहेय, स्वाहा शक्तये नम:, पादयो, प्रणव: कीलक्षम नम: सर्वांगे। हृदयादि न्यास ऊँ ह्मीं हृदयाय नम: बगलामुखी शिरसे स्वाहा, सर्वदुष्टानां शिरवायै वषट्, वाचं मुखं वदं स्तम्भ्य कवचाय हु, जिह्वां भीलय नेत्रत्रयास वैषट् बुद्धिं विनाशय ह्मीं ऊँ स्वाहा अष्टाय फट्। ध्यान मध्ये सुधाब्धि मणि मंडप रत्नवेघां सिंहासनो परिगतां परिपीत वर्णाम्। पीताम्बरा भरणमाल्य विभूषितांगी देवीं भजामि घृत मुदग्र वैरिजिह्माम ।। मंत्र इस प्रकार है-- ऊँ ह्लीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ऊँ फट स्वाहा। मंत्र जाप लक्ष्य बनाकर किया जाए तो उसका दशांश होम करना चाहिए। जिसमें चने की दाल, तिल एवं शुद्ध घी का प्रयोग करें एवं समिधा में आम की सूखी लकड़ी या पीपल की लकड़ी का भी प्रयोग कर सकते हैं। मंत्र जाप पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख कर करना चाहिए। Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
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