Guest guest Posted November 17, 2009 Report Share Posted November 17, 2009 ॠसांई राम हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के लिठबजरंग का विशà¥à¤µ में पहला और अनोखा दà¥à¤°à¥à¤²à¤ संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ लखनऊ में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया गया है। रामà¤à¤•à¥à¤¤ से जà¥à¤¡à¤¼à¥€ चीजों के अनूठे संगà¥à¤°à¤¹ के लिठइसका नाम लिमà¥à¤•ा बà¥à¤• ऑफ वरà¥à¤²à¥à¤¡ रिकॉरà¥à¤¡ में दरà¥à¤œ किया गया है। यह अनोखा काम कर दिखाया है हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤•à¥à¤¤ सà¥à¤¨à¥€à¤² गोमà¥à¤¬à¤° ने। सà¥à¤¨à¥€à¤² गोमà¥à¤¬à¤° ने इस संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ के लिठदेश-विदेश से पिछले कई सालों से हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ से जà¥à¥œà¥€ अनेक चीजें संगà¥à¤°à¤¹à¤¿à¤¤Â की हैं। इंदिरानगर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ अपने निवास बजरंग निकà¥à¤‚ज के पà¥à¤°à¤¥à¤® तल में सà¥à¤¨à¥€à¤² गोमà¥à¤¬à¤° ने à¤à¤• बड़े हॉल में इस संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ में हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ के जà¥à¥œà¥€ दà¥à¤°à¥à¤²à¤ वसà¥à¤¤à¥à¤à¤ संगà¥à¤°à¤¹à¤¿à¤¤Â  की हैं। इस संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ में पà¥à¤°à¤à¥ शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® के 48 चिहà¥à¤¨à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अंकित चरण पादà¥à¤•ाओं के दरà¥à¤¶à¤¨ मिलेंगे। यह चाà¤à¤¦à¥€ में कारीगरी के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ तैयार कराठगठहैं। à¤à¤—वान राम दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¤ किठगठहनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ के 1000 विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ नाम à¤à¥€ यहाठपà¥à¤¨à¥‡ को मिल जाà¤à¤à¤—े। ये हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ सहसà¥à¤°à¤¨à¤¾à¤® सà¥à¤¤à¥‹à¤¤à¥à¤° से लिठगठहैं तथा संसà¥à¤•ृत से इनका हिनà¥à¤¦à¥€ में अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ किया गया है। संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ की दीवार में संकटमोचन दिवà¥à¤¯ लोक की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की गई है। इस दिवà¥à¤¯à¤²à¥‹à¤• में हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ परिवार की दिवà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤à¤•ी को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ गया है। हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ संकट सà¥à¤µà¤¨ माने जाते हैं, इसलिठà¤à¤¾à¤à¤•ी सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® शंकरजी, फिर इनके सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤®, सीताजी, लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€à¤œà¥€, इनके पिता केसरीजी à¤à¤µà¤‚ माता अंजनीजी, इनके गà¥à¤°à¥ सूरà¥à¤¯à¤¦à¥‡à¤µ, पवनदेव जिनके ये औरस पà¥à¤¤à¥à¤° माने जाते हैं आदि को à¤à¤• ही सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर विराजित किया गया है। मितà¥à¤° मंडली के सà¥à¤—à¥à¤°à¥€à¤µ, अंगद, नल, नील à¤à¤µà¤‚ इनके सलाहकार जामवंत à¤à¥€ विराजमान हैं। इनके कृपापातà¥à¤° गोसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ तà¥à¤²à¤¸à¥€à¤¦à¤¾à¤¸à¤œà¥€ à¤à¥€ इस दिवà¥à¤¯à¤²à¥‹à¤• में शोà¤à¤¾à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ हैं। हनà¥à¤®à¤¤ संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ में हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ पर उपलबà¥à¤§ विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ संगीतमय à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ की कैसेट व सीडी का संगà¥à¤°à¤¹, हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ पर विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में उपलबà¥à¤§ देश-विदेश के साहितà¥à¤¯ की लगà¤à¤— 250 पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ें उपलबà¥à¤§ हैं। साथ ही हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ पर कारà¥à¤¯ कर रहे देश-विदेश की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं की सूचना, हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ का मà¥à¤•à¥à¤Ÿ, कà¥à¤‚डल, गदा, धà¥à¤µà¤œ, सिंदूर, मूà¤à¤œ के जनेऊ का संगà¥à¤°à¤¹ है। संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ में हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° करने वाली अवतारी विà¤à¥‚तियों के चितà¥à¤° जैसे नीम करौली बाबा, गà¥à¤°à¥ समरà¥à¤¥à¤°à¤¾à¤® दास आदि तथा देश-विदेश की हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ पर 137 वेबसाइट की सूचना जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को सहजता से उपलबà¥à¤§ है। हनà¥à¤®à¤¤ संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ का औपचारिक उदघाटन 21 नवमà¥à¤¬à¤° 2004 को हà¥à¤† था। तब से लेकर आज तक यह संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ लगातार बढ़ता जा रहा है। यहाठहंगरी की कलाकार हॠयूमिल रोजेलिया (राधिकापà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾) दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ राम चरितमानस के सात काणà¥à¤¡à¥‹à¤‚ पर आधारित अदà¥à¤à¥à¤¤ शैली में बनाई गई सात पेंटिंग à¤à¥€ लगाई गई हैं। यहीं पर सन 1864 में रतलाम के राजा रंजीतसिंह दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जारी किठगठहनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ के सिकà¥à¤•ों का संगà¥à¤°à¤¹ रखा गया है। हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ की लंगूर रूप में à¤à¤• विलकà¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ का पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ à¤à¥€ किया गया है। हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ की à¤à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ à¤à¤¸à¥€ है, जिसमें हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ ऊà¤à¤Ÿ पर सवार हैं और हाथ में पताका लिठहà¥à¤ हैं। यहाठपालने में लेटे बाल हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ को निहारना अतà¥à¤¯à¤‚त मनोहारी लगता है । सà¥à¤¨à¥€à¤² गोमà¥à¤¬à¤° ने इस संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ में राम-हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लेखन बैंक की à¤à¥€ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की है। पà¥à¤°à¤•ाशन वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ सà¥à¤¨à¥€à¤² गोमà¥à¤¬à¤° जब ककà¥à¤·à¤¾ 7 के छातà¥à¤° थे तà¤à¥€ से हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आसकà¥à¤¤à¤¿ हो गई थी, जो धीरे-धीरे अब जà¥à¤¨à¥‚न में परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ हो गई है। कà¥à¤› वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ उनकी नाक से अचानक निकलने वाले खून ने उनकी जीवन दृषà¥à¤Ÿà¤¿ ही बदल दी। यहीं से वे जीवन का टरà¥à¤¨à¤¿à¤‚ग पà¥à¤µà¤¾à¤‡à¤‚ट मानते हैं। इसी समय उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जय बजरंग चेरिटेबल टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की । सà¥à¤¨à¥€à¤² गोमà¥à¤¬à¤° ने हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ से समà¥à¤¬à¤‚धित  4 पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ों को संकलित कर पà¥à¤°à¤•ाशन à¤à¥€ किया है। उनकी सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• बिकने वाली पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• तà¥à¤²à¤¸à¥€à¤¦à¤¾à¤¸ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ साधना शबà¥à¤¦à¤®à¤£à¤¿Â  है। इसके अलावा उनकी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• तà¥à¤²à¤¸à¥€à¤¦à¤¾à¤¸ का हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ दरà¥à¤¶à¤¨, सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¤•ाणà¥à¤¡ सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° कà¥à¤¯à¥‹à¤‚, à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•ोण तथा वरà¥à¤²à¥à¤¡ ऑफ लारà¥à¤¡ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¥€ चरà¥à¤šà¤¾ में हैं। सà¥à¤¨à¥€à¤² गोमà¥à¤¬à¤° ने विशेषकर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ से विनती की है कि हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ से संबंधित किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•ार की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•, दà¥à¤°à¥à¤²à¤ सामगà¥à¤°à¥€, दà¥à¤°à¥à¤²à¤ सूचना मिले तो उसे उनके पास à¤à¥‡à¤œà¥‡à¤‚, वे उसे इस संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ में संजोकर रखेंगे। सà¥à¤¨à¥€à¤² गोमà¥à¤¬à¤° हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ में सपरिवार आमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करते हैं। यह संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ आम जनता के लिठपà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• रविवार पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ 11 बजे से अपराहà¥à¤¨ 1 बजे तक खà¥à¤²à¤¾ रहता है। संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ का पता-बजरंग निकà¥à¤‚ज 14/1192, इंदिरा नगर, लखनऊफोन-0522-2711172, मो.- 9415011817 कबीरजी कहते है .............माया तजे तो कà¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤† मान तजा ना जाठमान बड़े मà¥à¤¨à¤¿à¤µà¤° गठमान सबन को खाà¤Â It is very easy to give up efforts and lose weath. It is really very difficult to give up the ego. Very great and analytical people have fallen victim to ego. The ego is killing one and all. कदे अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ न कीजिये कहा कबीर समà¤à¤¾à¤¯à¥‡Â जा सीर अह जो संचारे पड़े चौरासी जाà¤Don't have ego. He who has ego is restless always. सà¥à¤–ा के संगी सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€Â दà¥à¤ƒà¤– में रहते दूर  कहे कबीर परमारथी दà¥à¤ƒà¤– सà¥à¤– सदा हà¥à¤œà¥‚र  The fair weather friends stay away when we face the rough weather. Those who understand the truth are with us at all times.सबसे लघà¥à¤¤à¤¾ ही à¤à¤²à¥€ लघà¥à¤¤à¤¾ से सब होठजासा दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ का चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾ शशि लहे सब कोà¤Â  It is always better to be humble. Being humble is an effective way of getting results. The Moon of the second day ( after the no moon day) is loved by all. छमा बडन को उचित है छोटन को उतà¥à¤ªà¤¾à¤¤ का विषà¥à¤£à¥‹ का घटी गया जो à¤à¥ƒà¤— मरी लात Forgiveness befits the person who is great. One who is petty does something destructive. What is the loss incured by God Vishnu after receiving a blow from Maharishi Bhrugu. जैसा à¤à¥‹à¤œà¤¨ कीजिये वैसा ही मन होठजैसा पानी पीजिये तैसी वाणी होठYour mind is affected by the food that you consume. Your voice is the reflection of the drinks you have. कबीरा ते नर अंध है जो गà¥à¤°à¥ कहते और हरी रूठे गà¥à¤°à¥ थोर है गà¥à¤°à¥ रूठे नहीं थोर  Kabir says that the people who do not understand Guru are blind. If God is displeased with us then Guru is there for salvation. If he is displeased there can be no salvation. कबीरा धीरज के धरे हाथी मन à¤à¤° खाठकà¥à¤¤ कà¥à¤¤Â  बेकार में सेवन घरे घर जाठAs the elephant has patience it eats till its mind is satisfied. But the impatient dog runs here and there in the hope of food. घी  के तो दरà¥à¤¶à¤¨ à¤à¤²à¥‡ खाना à¤à¤²à¤¾ न तेल दाना तो दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ à¤à¤²à¤¾ मà¥à¤°à¤– का कà¥à¤¯à¤¾ मेल  It is better if one can just have a chance of looking at the purified butter. It is not good to eat oil. It is good to have a sensible person as our enemy than to befriend a fool. चनà¥à¤¦à¤¨ जैसा साधू है सरà¥à¤ª है सब संसार ताके अंग लपटा रहे मन में नहीं विकार A good person is like a sandal tree. The world is like a snake. The snake resides on the sandal tree but the sandal tree does not become poisonous to any extent.  For Daily SAI SANDESHJoin our Group todayClick at our Group address : http://groups.google.co.inshirdikesaibaba Current email address : shirdikesaibaba (AT) googl (DOT) comAlso visit us at : http://shirdikesaibabaji.blogspot.com Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
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