Guest guest Posted October 25, 2009 Report Share Posted October 25, 2009 ॠसांई रामन तो में चोरों को पकड़ पाया न तो अपने à¤à¥€à¤¤à¤° के चोर को à¤à¤—ा पाया,में तो अपनी मसà¥à¤¤à¥€ का मसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¾ था बस नाच-गाने का दीवाना था, पà¥à¤²à¤¿à¤¸ का डंडा चलाता था अपना बाजा  बजता  था... घूमते - घूमते मैंने तà¥à¤®à¤•ो पाया लेकिन तà¥à¤®à¤•ो समठन पाया मैं चोरों के पीछे à¤à¤¾à¤—ा पर न उनको पकड़ पाया न अपने à¤à¥€à¤¤à¤° के चोर को à¤à¤—ा पाया, तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ खेल à¤à¥€, मेरी समठन आयाघूम कर मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ ही पास आया... à¤à¤• दिन मैंने तà¥à¤®à¤¸à¥‡ फ़रमाया पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ को जाना है उसमें डूबकी लगा अपना जीवन सफल बनाना है, बाबा... तà¥à¤® बोले, अब कहाठजाओगेगंगा-जमà¥à¤¨à¤¾ यहीं पाओगे, यह कहना था तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ चरणों से गंगा-जमà¥à¤¨à¤¾ निकली लोगों ने उस जल को उठाया अपनी आà¤à¤–े, अपनी जिहà¥à¤µà¤¾ अपने हà¥à¤°à¤¦à¤¯ से उसे लगाया लेकिन तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ यह खेल मेरी समठन आया उस दिन मैंने तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤¯à¤¾à¤° बस यूठही गवायाठ... बाबा ... न तो मैं चोरों को पकड़ पाया न ही अपना चोर à¤à¤—ा पाया, लेकिन बाद में बहà¥à¤¤ पछताया मेरा विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ डगमगाया थामेरा सबà¥à¤° थरथराया था,फिर à¤à¥€ तà¥à¤®à¤¨à¥‡ हिमà¥à¤®à¤¤ न हारी अपने पà¥à¤¯à¤¾à¤° से सारी बाज़ी पलट डाली मà¥à¤ पर अपना पà¥à¤¯à¤¾à¤° बरसाया मà¥à¤à¥‡ साईं लीलामृत का पान कराया सदà¥à¤—à¥à¤°à¥... तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ यह खेल मेरी समठन आया तà¥à¤®à¤¨à¥‡ ही तो मेरे à¤à¥€à¤¤à¤° के चोर को à¤à¤—ाया... For Daily SAI SANDESHJoin our Group todayClick at our Group address : http://groups.google.co.inshirdikesaibaba Current email address : shirdikesaibaba (AT) googl (DOT) comAlso visit us at : http://shirdikesaibabaji.blogspot.com Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
Recommended Posts
Join the conversation
You are posting as a guest. If you have an account, sign in now to post with your account.
Note: Your post will require moderator approval before it will be visible.