Guest guest Posted May 28, 2007 Report Share Posted May 28, 2007 ll HARE RAM ll { विविध कार्यो के लिये भगवन्नामों का जप-स्मरण } सर्पविष से रक्षा के लियेगरुडध्वजानुस्मरणाद् विषवीर्य व्यपोहति।गरुड़ध्वज नाम के बारम्बार स्मरण से मनुष्य सर्पविष के प्रभाव को दूर कर देता है। स्न्नान, देवार्चन, हवन, प्रणाम तथा प्रदक्षिणा करते समयकीर्तयेद् भगवन्नाम वासुदेवेति तत्पर:॥स्न्नान, देवपूजा, होम, प्रणाम तथा प्रदक्षिणा करते समय मनुष्य भगवत्परायण हो वासुदेव- इस भगवन्नाम का कीर्तन करे। वित्त-धान्यादि-स्थापन के समयकुर्वीत तन्मना भूत्वा अनन्ताच्युतकीर्तनम्।धन-धान्यादि की स्थापना के समय मनुष्य भगवान् में मन लगाकर अनन्त और अच्युत- इन नामों का कीर्तन करे। दु:स्वपन्-नाश के लियेनारायणं शार्ङ्गधरं श्रीधरं पुरुषोत्तमम्।वामनं खड्गिनं चैव दुष्टस्वपन्े सदा स्मरेत्॥बुरे सपने आने पर मनुष्य सदा नारायण, शार्ङ्गधर, श्रीधर, पुरुषोत्तम, वामन और खड्गी का स्मरण करे। सर्वकर्म-समृद्धि के लियेबलभद्रं समृद्धयर्थ सर्वकर्मणि संस्मरेत्।समस्त कर्मो में उनकी सम्पन्नता के लिये मनुष्य बलभद्र- का स्मरण करे। संतान के लियेजगत्पतिमपत्यार्थ स्तुवन् भक्त्या न सीदति।संतान की प्राप्ति के लिये भक्तिपूर्वक जगत्पति (जगदीश या जगन्नाथ) की स्तुति करनेवाला पुरुष कभी दु:खी नहीं होता। Regards Shashie Shekhar HARE_RAM Astro_Remedies Shashi Shekhar Sharma Moody friends. Drama queens. Your life? Nope! - their life, your story. Play Sims Stories at Games. Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
Guest guest Posted May 29, 2007 Report Share Posted May 29, 2007 Nice!!!! for an english speaking native. Would you be kind and translate for the less educated????Shashie Shekhar <polite_astro wrote: ll HARE RAM ll { विविध कार्यो के लिये भगवन्नामों का जप-स्मरण } सर्पविष से रक्षा के लियेगरुडध्वजानुस्मरणाद् विषवीर्य व्यपोहति।गरुड़ध्वज नाम के बारम्बार स्मरण से मनुष्य सर्पविष के प्रभाव को दूर कर देता है। स्न्नान, देवार्चन, हवन, प्रणाम तथा प्रदक्षिणा करते समयकीर्तयेद् भगवन्नाम वासुदेवेति तत्पर:॥स्न्नान, देवपूजा, होम, प्रणाम तथा प्रदक्षिणा करते समय मनुष्य भगवत्परायण हो वासुदेव- इस भगवन्नाम का कीर्तन करे। वित्त-धान्यादि-स्थापन के समयकुर्वीत तन्मना भूत्वा अनन्ताच्युतकीर्तनम्।धन-धान्यादि की स्थापना के समय मनुष्य भगवान् में मन लगाकर अनन्त और अच्युत- इन नामों का कीर्तन करे। दु:स्वपन्-नाश के लियेनारायणं शार्ङ्गधरं श्रीधरं पुरुषोत्तमम्।वामनं खड्गिनं चैव दुष्टस्वपन्े सदा स्मरेत्॥बुरे सपने आने पर मनुष्य सदा नारायण, शार्ङ्गधर, श्रीधर, पुरुषोत्तम, वामन और खड्गी का स्मरण करे। सर्वकर्म-समृद्धि के लियेबलभद्रं समृद्धयर्थ सर्वकर्मणि संस्मरेत्।समस्त कर्मो में उनकी सम्पन्नता के लिये मनुष्य बलभद्र- का स्मरण करे। संतान के लियेजगत्पतिमपत्यार्थ स्तुवन् भक्त्या न सीदति।संतान की प्राप्ति के लिये भक्तिपूर्वक जगत्पति (जगदीश या जगन्नाथ) की स्तुति करनेवाला पुरुष कभी दु:खी नहीं होता। Regards Shashie Shekhar HARE_RAM Astro_Remedies Shashi Shekhar Sharma Moody friends. Drama queens. Your life? Nope! - their life, your story.Play Sims Stories at Games. Ready for the edge of your seat? Check out tonight's top picks on TV. Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
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