Guest guest Posted May 6, 2007 Report Share Posted May 6, 2007 ll HARE RAM ll { विविध कार्यो के लिये भगवन्नामों का जप-स्मरण } भयनाश के लियेहृषीकेशं भयेषु च।भय के अवसरों पर उसके निवारण के लिय हृषीकेश का स्मरण करे। औषध-सेवन के लियेअच्युतं चामृतं चैव जपेदौषधकर्मणि।औषध-सेवन के कार्य में अच्युत और अमृत नामों का जप करें। युद्धस्थल में जाते समयसंग्रामाभिमुखे गच्छन् संस्मरेदपराजितम्।युद्ध की ओर जाते समय अपराजित का स्मरण करे। पूर्वादि दिशाओं में जाते समयचक्रिणं गदिनं चैव शािर्ङ्गणं खड्गिनं तथा।क्षेमार्थी प्रवसन् नित्यं दिक्षु प्राच्यादिषु स्मरेत्॥पूर्व आदि दिशाओं में प्रवास करते (परदेश जाते या रहते) समय कल्याण चाहनेवाला पुरुष प्रतिदिन चक्री (चक्रपाणि), गदी (गदाधर), शार्ङ्गी (शार्ङ्गधर) तथा खड्गी (खड्गधर)- इन नामों का स्मरण करे। सारे व्यवहारों मेंअजितं चाधिपं चैव सर्व सर्वेश्वरं तथा।संस्मरेत् पुरुषो भक्त्या व्यवहारेषु सर्वदा॥समस्त व्यवहारों में सदा मनुष्य भक्तिभाव से अजित, अधिप, सर्व तथा सर्वेश्वर- इन नामों का स्मरण करे। दैवी विपत्ति निवारण के लियेनारायणं सर्वकालं क्षुतप्रस्खलनादिषु।ग्रहनक्षत्रपीडासु देवबाधासु सर्वत:॥छींक लेने, प्रस्खलन (लड़खड़ाने) आदि के समय, ग्रहपीड़ा, नक्षत्र-पीड़ा तथा दैवी बाधाओं में सर्वतोभाव से हर समय नारायण का स्मरण करे। भय नाश के लियेअन्धकारे तमस्तीव्रे नरसिंहमनुस्मरेत्॥अत्यन्त घोर अन्धकार में डाकू तथा शत्रुओं की ओर से बाधा की सम्भावना होने पर मनुष्य बारम्बार नरसिंह नाम का स्मरण करे। Regards Shashie Shekhar HARE_RAM Astro_Remedies Shashi Shekhar Sharma Ahhh...imagining that irresistible "new car" smell? Check out new cars at Autos. Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
Guest guest Posted May 25, 2007 Report Share Posted May 25, 2007 ll HARE RAM ll { विविध कार्यो के लिये भगवन्नामों का जप-स्मरण } भयनाश के लियेहृषीकेशं भयेषु च।भय के अवसरों पर उसके निवारण के लिय हृषीकेश का स्मरण करे। औषध-सेवन के लियेअच्युतं चामृतं चैव जपेदौषधकर्मणि।औषध-सेवन के कार्य में अच्युत और अमृत नामों का जप करें। युद्धस्थल में जाते समयसंग्रामाभिमुखे गच्छन् संस्मरेदपराजितम्।युद्ध की ओर जाते समय अपराजित का स्मरण करे। पूर्वादि दिशाओं में जाते समयचक्रिणं गदिनं चैव शािर्ङ्गणं खड्गिनं तथा।क्षेमार्थी प्रवसन् नित्यं दिक्षु प्राच्यादिषु स्मरेत्॥पूर्व आदि दिशाओं में प्रवास करते (परदेश जाते या रहते) समय कल्याण चाहनेवाला पुरुष प्रतिदिन चक्री (चक्रपाणि), गदी (गदाधर), शार्ङ्गी (शार्ङ्गधर) तथा खड्गी (खड्गधर)- इन नामों का स्मरण करे। सारे व्यवहारों मेंअजितं चाधिपं चैव सर्व सर्वेश्वरं तथा।संस्मरेत् पुरुषो भक्त्या व्यवहारेषु सर्वदा॥समस्त व्यवहारों में सदा मनुष्य भक्तिभाव से अजित, अधिप, सर्व तथा सर्वेश्वर- इन नामों का स्मरण करे। दैवी विपत्ति निवारण के लियेनारायणं सर्वकालं क्षुतप्रस्खलनादिषु।ग्रहनक्षत्रपीडासु देवबाधासु सर्वत:॥छींक लेने, प्रस्खलन (लड़खड़ाने) आदि के समय, ग्रहपीड़ा, नक्षत्र-पीड़ा तथा दैवी बाधाओं में सर्वतोभाव से हर समय नारायण का स्मरण करे। भय नाश के लियेअन्धकारे तमस्तीव्रे नरसिंहमनुस्मरेत्॥अत्यन्त घोर अन्धकार में डाकू तथा शत्रुओं की ओर से बाधा की सम्भावना होने पर मनुष्य बारम्बार नरसिंह नाम का स्मरण करे। Regards Shashie Shekhar HARE_RAM Astro_Remedies Shashi Shekhar Sharma Looking for a deal? Find great prices on flights and hotels with FareChase. Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
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