astrobhadauria 0 Report post Posted August 26, 2008 शुक्र शनि और राहु का स्थापन अगर मीन राशि का होकर ग्यारहवें भाव में हो जाता है,मंगल वृश्चिक का होकर सप्तम में विराजमान हो जाता है,तो यह योग वास्तव में अनिष्टदायक माना जा सकता है ? सप्तम का कारक मंगल अगर वृश्चिक का है,तो लगन वृष होना स्वाभाविक है। राहु अगर शनि और शुक्र के साथ है तो जातक का वैवाहिक जीवन असफ़ल ही माना जा सकता है। गुरु (वक्री) केतु के साथ पंचम में है,तो बजाय आध्यात्मिक होने के भौतिक ही माना जा सकता है। जन्म तारीख 13 Feb.1969 Time- 13:30 Birth Place- Mumbai (India) Quote Share this post Link to post Share on other sites